भाषा के कितने रूप होते हैं | Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain

नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको भाषा किसे कहते हैं तथा भाषा के कितने रूप होते हैं | Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं जोकि हिंदी व्याकरण को जानने से पहले आवश्यक है |
भाषा किसे कहते हैं ?
भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने मन के भाव एवं विचारों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के सामने प्रकट कर सके | उसे भाषा कहते हैं |
अथवा
हम अपने भावो को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके,उसे भाषा कहते हैं |
भाषा का अर्थ -भाषा संस्कृत भाषा के ‘भाष’ धातु से उत्पन्न है | जिसका अर्थ है – बोलना |
भाषा के कितने रूप होते हैं | Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain
चलिए अब हम जानते हैं कि bhasha ke kitne roop hote hain मुख्यता भाषा तीन प्रकार की होती है –

- मौखिक भाषा
- लिखित भाषा
- सांकेतिक भाषा
मौखिक भाषा किसे कहते हैं ?
अपने भाव व विचारों को बोल कर दूसरों के सामने प्रकट करना मौखिक भाषा कहलाती है |
या
जिस भाषा को मुख से बोला तथा कानों से सुना जाए उसे मौखिक भाषा कहते हैं |
लिखित भाषा किसे कहते हैं ?
अपने भावो व विचारों कोलिख कर दूसरे के सामने प्रकट करना | लिखित भाषा कहलाती है |
या
लिखकर अपनी बात प्रकट करना तथा लिखा हुआ पढ़ कर दूसरे की बातों को समझना लिखित भाषा कहलाती हैं |
सांकेतिक भाषा किसे कहते हैं ?
यदि हम अपने भाव एवं विचारों को संकेत के माध्यम से दूसरों के सामने प्रकट करते हैं | सांकेतिक भाषा कहलाती है |
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